Join Telegram

Join Now

 

 

---Advertisement---

आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी में ₹20000 की बढ़ोतरी | Outsource Employee

By
On:
Follow Us

Outsource Employee – उत्तर प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण खुशखबरी आई है। राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश आउटडोर सेवा निगम के गठन की अनुमति प्रदान कर दी गई है, जिसके माध्यम से दस लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को वेतन में दोगुनी बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। इस ऐतिहासिक निर्णय से न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, बल्कि उन्हें कई अतिरिक्त सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। मुख्य सचिव के द्वारा इस संबंध में आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं और शीघ्र ही इस कंपनी का पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण होने की उम्मीद है। इस निगम के स्थापना से आउटसोर्स कर्मचारियों को न केवल बेहतर वेतन मिलेगा बल्कि भविष्य में पेंशन की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

कैबिनेट अनुमोदन के बाद तेज़ी से बढ़ रहा काम

उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के उपरांत आउटडोर सेवा निगम की स्थापना की दिशा में तीव्र गति से कार्य प्रारंभ हो गया है। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार इस निगम का पंजीकरण यथाशीघ्र संपन्न कराया जाए। इस निगम के अस्तित्व में आने के पश्चात हजारों आउटसोर्स कर्मचारियों को न केवल बेहतर वेतनमान प्राप्त होगा बल्कि स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का भी लाभ मिल सकेगा। सचिवालय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देशित किया गया है कि वे निगम पंजीकरण की प्रक्रिया को गति प्रदान करें और एक योग्य चार्टर्ड एकाउंटेंट की नियुक्ति भी सुनिश्चित करें। समस्त विभागों को भी हिदायत दी गई है कि वे निगम गठन से जुड़े प्रारूप का विस्तृत अध्ययन करें।

सार्वजनिक सीमित कंपनी के रूप में होगा गठन

2 सितंबर को मंत्रिमंडल द्वारा उत्तर प्रदेश आउटडोर सेवा निगम के गठन संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई थी। यह संस्था एक सार्वजनिक सीमित कंपनी के रूप में कार्य करेगी। निगम की स्थापना के उपरांत विभिन्न विभाग अपनी आवश्यकता के अनुसार आउटसोर्स कर्मचारियों की मांग सीधे इस निगम से कर सकेंगे। वर्तमान में कार्यरत चार लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों के मानदेय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इसके अतिरिक्त कर्मचारी राज्य बीमा योजना, कर्मचारी भविष्य निधि तथा स्वास्थ्य बीमा योजना का भी लाभ उठा सकेंगे। यह व्यवस्था आउटसोर्स कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

वेतनमान में होगी व्यापक वृद्धि

आउटसोर्स कर्मचारियों हेतु नए पारिश्रमिक ढांचे में न्यूनतम दरें निर्धारित की गई हैं। चपरासी तथा चौकीदार जैसे पदों के लिए न्यूनतम वेतन बीस हजार रुपए मासिक तय किया गया है, जबकि डॉक्टर एवं इंजीनियर जैसे उच्च पदों के लिए चालीस हजार रुपए मासिक का प्रावधान है। इस व्यवस्था के अनुसार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को दस हजार रुपए मासिक की अतिरिक्त राशि प्राप्त होगी। लेक्चरर, परियोजना अधिकारी, लेखा अधिकारी, सहायक वास्तुकार तथा अनुसंधान अधिकारी जैसे पदों पर कार्यरत व्यक्तियों को बीस हजार रुपए मासिक तक की वृद्धि मिल सकती है। द्वितीय श्रेणी के अंतर्गत लेखाकार, अनुवादक, कल्याण अधिकारी एवं ड्राफ्ट्समैन को न्यूनतम पच्चीस हजार रुपए वेतन दिया जाएगा।

श्रेणीवार वेतन संरचना

तृतीय श्रेणी के अंतर्गत ऑपरेटर, भंडार रक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, मैकेनिक तथा पर्यवेक्षक जैसे पदों के लिए बाईस हजार रुपए का न्यूनतम वेतन निर्धारित किया गया है। इस नई वेतन संरचना से सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होगा। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को बीस हजार रुपए, द्वितीय श्रेणी के अकाउंटेंट और ट्रांसलेटर जैसे पदों पर कार्यरत कर्मचारियों को पच्चीस हजार रुपए, तृतीय श्रेणी के ऑपरेटर और लाइब्रेरियन को बाईस हजार रुपए तथा उच्च पदों जैसे डॉक्टर और इंजीनियर को चालीस हजार रुपए मासिक वेतन मिलेगा। यह व्यवस्था आउटसोर्स कर्मचारियों के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक होगी।

समयबद्ध वेतन वितरण प्रणाली

आउटसोर्स सेवा निगम की स्थापना के साथ ही वेतन वितरण हेतु नए नियम लागू होंगे। अब प्रत्येक माह की पांचवी तारीख तक कर्मचारियों के बैंक खातों में वेतन की राशि जमा कर दी जाएगी। इसके अलावा कर्मचारियों को चिकित्सा अवकाश, आपातकालीन छुट्टी, स्वास्थ्य बीमा तथा दुर्घटना बीमा जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। निगम के संचालन प्रारंभ होते ही आउटसोर्स कर्मचारियों को ये सभी लाभ उपलब्ध हो जाएंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार शीघ्र ही कर्मचारियों को संशोधित वेतन की राशि प्राप्त होने की संभावना है। यह व्यवस्था कर्मचारियों की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने में योगदान देगी।

इस निगम के माध्यम से आउटसोर्स कर्मचारियों को न केवल वर्तमान में बेहतर वेतन मिलेगा, बल्कि भविष्य में पेंशन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। यह व्यवस्था आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। निगम की स्थापना से राज्य के दस लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों का जीवन बेहतर होगा। इस पहल से न केवल कर्मचारियों को आर्थिक लाभ मिलेगा बल्कि राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था भी अधिक कुशल हो सकेगी। सरकार का यह निर्णय आउटसोर्स कर्मचारियों के कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य के श्रमिक कल्याण में नया अध्याय जुड़ेगा।

अस्वीकरण: उपरोक्त जानकारी इंटरनेट प्लेटफॉर्म से ली गई है। हम इस बात की गारंटी नहीं देते कि यह समाचार 100% सत्य है। कृपया सोच-समझकर आगे की प्रक्रिया करें।

Join Telegram

Join Now

 

Leave a Comment

Sticky WhatsApp Join Button ग्रुप से जुड़ें