Sukanya Samriddhi Yojana: अगर आपके घर में बेटी है और आप उसके भविष्य को लेकर चिंतित हैं, तो अब समय आ गया है कि आप एक छोटी सी शुरुआत से बड़ा फंड बना सकते हैं। सरकार की सुकन्या समृद्धि योजना न केवल बेटियों के भविष्य को सुरक्षित बनाती है, बल्कि कम निवेश में बड़ा रिटर्न भी देती है। यह स्कीम आज के समय में उन माता-पिताओं के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है जो बेटी की शिक्षा या शादी के लिए लंबे समय तक सेविंग करना चाहते हैं।
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें निवेश की अवधि तो सिर्फ 15 साल है, लेकिन अकाउंट 21 साल तक चलता है। यानी आखिरी 6 साल तक आपको कुछ भी निवेश नहीं करना होता, फिर भी उस पर ब्याज मिलता रहता है। इस तरह यह योजना लॉन्ग टर्म सेविंग के लिए आदर्श विकल्प बन जाती है। साथ ही, इसमें गारंटीड ब्याज मिलता है जो हर तिमाही सरकार द्वारा तय किया जाता है।
ब्याज दर इतना मिलेगा
सुकन्या समृद्धि योजना में वर्तमान में सरकार द्वारा तय की गई ब्याज दर 8.2% प्रति वर्ष है। यह दर हर तिमाही में केंद्र सरकार द्वारा रिव्यू की जाती है, लेकिन अधिकांश समय यह अन्य सेविंग स्कीम्स जैसे PPF, RD, या FD से अधिक ही रहती है। यह ब्याज सालाना चक्रवृद्धि पद्धति से जुड़ता है, जिससे रिटर्न लगातार बढ़ता रहता है।
इस योजना में आपको जो ब्याज मिलता है वह पूरी तरह टैक्स फ्री होता है, यानी जो भी राशि मैच्योरिटी पर मिलेगी, उस पर कोई भी टैक्स नहीं देना होगा। यह EEE (Exempt-Exempt-Exempt) श्रेणी में आता है, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी राशि तीनों पर टैक्स छूट मिलती है। यही वजह है कि इसे सबसे बेहतर सेविंग विकल्पों में गिना जाता है।
अगर ब्याज दर भविष्य में और बढ़ाई जाती है तो आपको और ज्यादा लाभ मिलेगा। हालांकि, सरकार इसे स्थिर और सुरक्षित बनाए रखने की पूरी कोशिश करती है ताकि निवेशकों को गारंटीड और अच्छा रिटर्न मिलता रहे।
कौन खोल सकता हैं अकाउंट
सुकन्या समृद्धि योजना का अकाउंट केवल माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही खोल सकते हैं, और वह भी केवल उन बेटियों के लिए जिनकी उम्र 10 साल से कम हो। हर बेटी के नाम पर केवल एक ही अकाउंट खोला जा सकता है, और अधिकतम दो बेटियों के लिए यह योजना मान्य होती है।
अगर जुड़वा या तीन बच्चियों का जन्म एक साथ हुआ है, तो खास परिस्थितियों में तीसरी बेटी के लिए भी अकाउंट खोला जा सकता है, लेकिन उसके लिए जन्म प्रमाणपत्र और संबंधित मेडिकल डॉक्युमेंट्स की जरूरत होती है। अभिभावक को बेटी के नाम पर खाता खोलते समय पूरी जिम्मेदारी लेनी होती है।
इस स्कीम की खास बात यह भी है कि खाता पोस्ट ऑफिस या किसी भी सरकारी अथवा अधिकृत बैंक ब्रांच में खोला जा सकता है। निवेश ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है।
आयु सीमा क्या है
इस योजना में खाता तभी खोला जा सकता है जब बच्ची की आयु 10 साल से कम हो। यानी जैसे ही बच्ची का जन्म होता है, आप अगले 10 वर्षों के भीतर इस योजना में निवेश शुरू कर सकते हैं। खाता खुलने के बाद इसमें 15 साल तक निवेश करना होता है, जबकि खाता 21 साल में मैच्योर होता है।
अगर बच्ची की आयु 10 वर्ष से अधिक हो जाती है, तो इस योजना का लाभ नहीं लिया जा सकता। इसलिए सलाह दी जाती है कि बच्ची के जन्म के तुरंत बाद यह खाता खोलकर निवेश शुरू कर दिया जाए ताकि भविष्य में बड़ी राशि तैयार की जा सके।
इस आयु सीमा को ध्यान में रखते हुए सुकन्या योजना एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ऑप्शन बन जाती है, जिसमें आपको सुरक्षा, टैक्स छूट और निश्चित रिटर्न तीनों मिलते हैं।
इन डॉक्युमेंट्स की पड़ेगी जरूरत
सुकन्या समृद्धि योजना का खाता खोलने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेजों की आवश्यकता होती है। सबसे पहले, बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है, जिससे उसकी आयु प्रमाणित हो सके। इसके साथ-साथ माता-पिता या अभिभावक का आधार कार्ड और पहचान पत्र भी जरूरी होता है।
इसके अलावा, एक एड्रेस प्रूफ देना होता है जिसमें अभिभावक का नाम और पता स्पष्ट रूप से अंकित हो। कुछ बैंक या पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट साइज फोटो भी मांग सकते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि ये डॉक्युमेंट्स पहले से तैयार रखें। खाता खोलते समय ₹250 की शुरुआती राशि भी जमा करनी होती है।
यह प्रक्रिया बहुत ही आसान और पारदर्शी है। आप चाहें तो यह खाता पोस्ट ऑफिस या किसी भी सरकारी बैंक में जाकर खुलवा सकते हैं।
टैक्स में मिलेगी छूट
सुकन्या समृद्धि योजना को सरकार ने EEE श्रेणी (Exempt-Exempt-Exempt) में रखा है, जो टैक्स के लिहाज से सबसे बेहतरीन कैटेगरी मानी जाती है। इसका मतलब है कि इस योजना के तहत निवेश, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी की पूरी राशितीनों पर कोई टैक्स नहीं देना होता। यानी आपकी पूरी कमाई टैक्स फ्री रहती है।
पहला छूट तो निवेश के समय मिलता है। आप सुकन्या योजना में एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम ₹1.5 लाख तक का निवेश कर सकते हैं, और इस पूरे निवेश पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत छूट मिलती है। यानी जितना पैसा आप इस योजना में लगाते हैं, उतना ही आपकी टैक्सेबल इनकम से घटा दिया जाएगा।
दूसरा फायदा है ब्याज पर टैक्स की बचत। बाकी योजनाओं में जो ब्याज मिलता है, उस पर टैक्स देना पड़ता है, लेकिन सुकन्या योजना में जो भी ब्याज बनता है, वह पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। और तीसरा फायदा मैच्योरिटी राशि पर है। 21 साल बाद मिलने वाला पूरा अमाउंट भी बिना किसी टैक्स कटौती के सीधे खाते में आता है।
मासिक निवेश पर रिटर्न
| मासिक निवेश | सालाना निवेश | कुल जमा (15 साल) | ब्याज @8.2% | कुल मैच्योरिटी राशि (21 साल) |
| ₹500 | ₹6,000 | ₹90,000 | ₹1,87,103 | ₹2,77,103 |
| ₹1,000 | ₹12,000 | ₹1,80,000 | ₹3,74,206 | ₹5,54,206 |
| ₹2,000 | ₹24,000 | ₹3,60,000 | ₹7,48,412 | ₹11,08,412 |
| ₹3,000 | ₹36,000 | ₹5,40,000 | ₹11,22,618 | ₹16,62,618 |
| ₹4,000 | ₹48,000 | ₹7,20,000 | ₹14,96,824 | ₹22,16,824 |
| ₹5,000 | ₹60,000 | ₹9,00,000 | ₹18,71,030 | ₹27,71,030 |
12 हजार जमा करने पर मिलेगा ₹5,54,206 रुपये का रिटर्न
अगर आप हर साल ₹12,000 निवेश करते हैं, तो 15 साल में आपका कुल निवेश ₹1,80,000 होता है। इस पर अगर 8.2% की दर से ब्याज जोड़ा जाए, तो कुल ब्याज ₹3,74,206 बनता है। इस तरह मैच्योरिटी के समय आपको ₹5,54,206 रुपए मिलते हैं।
अब अगर कोई ₹2,000 महीना या ₹24,000 सालाना निवेश करता है तो उसे 15 साल बाद लगभग ₹11,08,412 रुपए मिल सकते हैं। यह योजना बेटियों के लिए एक मजबूत आर्थिक नींव बनाने का अवसर है।
निष्कर्ष
सुकन्या समृद्धि योजना एक ऐसी स्कीम है जो माता-पिता को कम लागत में बेटी के लिए एक सुरक्षित और मजबूत फंड तैयार करने का अवसर देती है। टैक्स छूट, उच्च ब्याज दर और गारंटीड रिटर्न जैसी विशेषताएं इसे बेहद आकर्षक बनाती हैं। यदि आपने अब तक यह खाता नहीं खुलवाया है, तो आज ही पोस्ट ऑफिस या अपने नजदीकी बैंक में जाएं और सुकन्या योजना की शुरुआत करें।





